परिचय- बरेली जनपद के ब्लॉक फरीदपुर में स्थित नारायण पशु चिकित्सालय के LHP
आकाश ब्रुक संस्था की देख - रेख में पिछले दो वर्षोँ से इलाज कर रहें हैं |
मुददा-
शाम को ५ बजे इक्स्टेंसिव साईट से तड़प रहे पशु मालिक का फोन आया | उक्त केस पर VACM महेंद्र पाल व LHP आकाश ने VO
की मदद से घोड़े का इलाज किया |
प्रक्रिया-
इक्स्टेंसिव साईट से शाम को ५ बजे पेट दर्द के केस को देखने के लिए VACM महेंद्र पाल और LHP आकाश
साईट पर गये | वहाँ घोड़े की स्थिति बहुत ख़राब थी और घोड़ा जमीन पर लोट-पोट करता हुआ मिला, जिसे देख LHP आकाश ने VACM
की मदद से दर्द निवारक दवा दी एवं सेलाइन मिश्रण का भी प्रयोग किया | उसके बाद घोड़े को कुछ आराम हो गया और VACM, LHP लौट आये |
फिर बाद में रात को ७ बजे फोन आया की घोड़े की स्थिति फिर से ख़राब हो रही है तो पुनः बरसात में VACM और LHP साईट पर गये |
अब VACM को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें , फिर उसने VO बरेली को फोन किया और उनके सुझाव के द्वारा LHP आकाश ने मल द्वार का परीक्षण किया ,
जिसमें उन्हें कोई ठोस पदार्थ महसूस हुआ | फिर VO के सुझाव द्वारा एनीमा किया गया जिसके कारण वो ठोस पदार्थ
धीरे-धीरे कर के मल द्वार के द्वारा बाहर आ गया और घोड़े को बहुत आराम मिला |
निष्कर्ष- (१-५) १- सामूहिक प्रयास से घोड़े की जान बची |
२- LHP का आत्मविश्वास बढ़ा |
३- LHP का विभिन्न केस में सक्रीय भागेदारी बढ़ गयी |
४- LHP अब VACM और VO से सलाह लेने लगा |
५- LHP अब घोड़े के केस को आत्मविश्वास से देखने लगा |